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संभलो ! फिर आया कोरोना

Editorial

Take care! Corona came again: देश में कोरोना और उसके नए स्वरूप ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले बेहद चिंताजनक हैं। हालात ऐसे हैं कि बीते 70 दिनों में सर्वाधिक केस बढ़े हैं, वहीं 10 दिनों के अंदर तो 4 गुना मामले बढ़ चुके हैं। हरियाणा जैसे राज्य में जहां कोरोना संक्रमण एकदम न्यून हो गया था वहीं अब 1277 फीसदी मामलों की बढ़ोतरी हो गई है। ऐसी रपट है कि नवंबर के मुकाबले दिसंबर में कोरोना के केस 15.3 फीसदी घटे थे, लेकिन ओमिक्रॉन वेरिएंट ने कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी कर दी। इस समय दिल्ली और मुंबई में जो केस मिल रहे हैं, उनमें 50 फीसदी से ज्यादा ओमिक्रॉन के हैं। यानी एक तरफ कोरोना लगातार बढ़ रहा है तो वहीं ओमिक्रॉन ने भी अपने नए शिकार बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई अब फिर कोरोना संक्रमण की चपेट में है, यहां का मामला ऐसा है कि जितने देश भर में संक्रमित मिल रहे थे, उतने अब अकेले महाराष्ट्र में ही मिल रहे हैं।

 

भारत में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच यह जानना भी चिंताजनक है कि दुनिया भर में भी संक्रमण फिर तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, इटली में कोरोना मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हो रही है, यहां जो मरीज मिल रहे हैं, वे दुनियाभर के 64 फीसदी हैं। जब दुनिया नए साल के जश्न में डूबी थी, तब कोरोना भी अपनी वृद्धि का जश्न मना रहा था। शुक्रवार को वर्ष 2021 के समापन के समय दुनिया में 16.39 कोरोना के केस रिपोर्ट हुए। अमेरिका में ही एक दिन में 5.72 लाख मरीज मिले हैं।
 

 अगर देश की बात करें तो इस समय दिल्ली में 1873 फीसदी की बढ़ोतरी कोरोना मामलों में हुई है। इसके बाद राजस्थान में यह वृद्धि 1385 प्रतिशत की है। गुजरात, उत्तर प्रदेश और पंजाब भी इस सूची में शुमार हैं। पंजाब जोकि पिछले कुछ समय से कोरोना शून्य हो गया था, अब यहां भी नए मरीज आने लगे हैं। पंजाब में एक यूनिवर्सिटी के 42 छात्रों समेत 337 नए केस सामने आए हैं। बीते शनिवार को राज्य में 98 नए कोरोना मरीज रिपोर्ट गए, जिससे यहां कुल संख्या बढक़र 337 हो गई है। राज्य में अब तक 603259 मरीज संक्रमित हो चुके हैं। इसी तरह हरियाणा में भी हालात असामान्य हो गए हैं। यहां रोजाना विभिन्न जिलों से दर्जनों नए मामले सामने आ रहे हैं, शनिवार को यहां 556 नए केस मिले हैं।

 

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा एक बार फिर कोरोना संक्रमित हो गए हैं। हरियाणा सरकार ने नो मास्क, नो सर्विस का रूल लागू किया है, वहीं सार्वजनिक स्थलों पर आने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना भी जरूरी किया है। चंडीगढ़ प्रशासन इस संबंध में पहले ही घोषणा कर चुका है, यहां दोनों डोज न लगवाए जाने पर पांच सौ रुपये के जुर्माने का ऐलान किया गया है। हरियाणा सरकार ने पांच जिलों में पाबंदियां बढ़ा दी हैं। इनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, अम्बाला और सोनीपत शामिल हैं। इन जिलों में अब दुकानों के बंद होने का समय शाम पांच बजे तक कर दिया गया है। राज्य में 100 से अधिक लोगों को एकत्र होने के लिए जिला उपायुक्त से अनुमति लेनी होगी, इसी तरह से सिनेमा हॉल, रेस्तरां, बार, जिम, गोल्फ कोर्स को केवल 50 फीसदी क्षमता के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खोलना होगा। यह सभी उसी दौर की याद दिला रहा है, जैसा बीते वर्ष लोगों ने देखा है।

 

वर्ष 2020 में घर से बाहर निकलना भी जुर्म था और वर्ष के आखिर तक जब इसमें ढील आई तो वर्ष 2021 के मार्च-अप्रैल महीने में जो त्रासदी देश ने देखी, वह दिल दहलाने वाली थी। मेडिकल इमरजेंसी ने देश को हिला दिया था, तब क्या यह माना जाए कि आजकल जैसे हालात बन रहे हैं, वे वैसी ही त्रासदी की ओर फिर से लेकर जा रहे हैं। जाहिर है, विशेषज्ञों की राय कुछ भी हो सकती है, लेकिन यह ऐसी महामारी है, जिसके संबंध में कुछ भी निश्चित नहीं है, यानी इसके मरीज एकाएक इतने बढ़ सकते हैं कि उन्हें संभालना मुश्किल होगा। यह भी चिंताजनक है कि जिन्हें एक बार कोरोना हो चुका है, वैक्सीन लग चुकी हैं, वे फिर से कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। अगर स्वास्थ्य से जुड़ी दूसरी परेशानियां भी लोगों को हुई तो कोरोना उनके लिए संकट बढ़ा सकता है।

 

बेशक, अब केंद्र सरकार भी पहले से ज्यादा सतर्क है। केंद्र ने अस्थायी अस्पताल, कंट्रोल रूम बनाने के राज्यों को निर्देश दिए हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने यहां वर्चुअल मोड पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। तेलंगाना में भी सभी प्रकार की रैली, सार्वजनिक बैठक और भीड़ इक_ा करने पर पाबंदी लगा दी हैं। यहां सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने पर एक हजार रुपये का जुर्माना होगा। यह वह समय है, जब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घंटी बजने ही वाली है। भाजपा समेत तमाम राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को तेज कर चुके हैं, उत्तर प्रदेश में रोजाना रैलियां हो रही हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां के लगातार दौरे कर उद्घाटन, शिलान्यास कर रहे हैं। इस दौरान भारी भीड़ जमा हो रही है, वहीं समाजवादी पार्टी नेता भी रैलियां कर रहे हैं।

 

हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने रैलियां न करने की बात कही है। जाहिर है, यह समय सजगता और सतर्कता का है, जितनी लापरवाही बढ़ेगी, उतने ही मामले बढ़ेंगे। चुनाव आयोग रैलियों पर अभी रोक लगाने से मना कर चुका है, लेकिन देश को यह समझना होगा कि चुनाव से ज्यादा जरूरी जनता का स्वास्थ्य है। अगर लोक कोरोना जैसी महामारी का शिकार हुए तो वे कैसे तंत्र को स्थापित करेंगे। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन ही इस महामारी से बचाएगा।